ताईद ए गैबी
कुछ अरसा कब्ल देवबंद और अतराफ ए देवबंद के कुछ समाजी खिदमत गारों ने शादियों में होने वाले बेतहाशा अखरजात को देखते हुए शादी व निकाह को ऐन शरियत के मुताबिक़ राइज करने की गर्ज से कुरेश अन निकाह मिन सुन्नति के नाम से एक तंजीम तशकील दी थी और सादगी से शादी और निकाह को राइज करने और फजूलयात से बचने की आवाम को तरगीब देने का काम शुरू किया था। जिसके अब मुसबत नाताइज भी आने लगे हैं।
तनजीम का मक़सद
तनजीम का मक़सद शादियों में जो रसूमात शरीयत के खिलाफ़ मआशरे में राइज है सभी का खात्मा किया जाए और फजूल खर्ची से पैसे को बचा कर बच्चों की तालीम व तरबियत पर लगाया जाए, इस सिलसिले में दुनिया के सबसे पकीज़ा मज़हब इसलाम के सबसे पाकीज़ा मदरसे दारुल उलूम देवबंद के सबसे बड़े मुफ्ती जनाब अबुल क़ासिम नौमानी साहब दामत बराकतुहुम ने तंजीम की सरगर्मियो से मुतासिर होकर अपने दस्ते मुबारक से मुबारकबाद का पैगाम भेजा व मौलाना मौसूफ ने कहा के मजकूरा तंजीम मआशरे में निकाह को आसान बनाने व फिजूल खर्ची को कम करने में व मआशरे रस्मों रिवाज से पाक बनाने की मुहिम चला रही है जो बड़ी मुफीद कोशिश है, अल्लाह ताला इस तंजीम की कोशिशों को कामयाब बनाए इस मुहिम के सरगरम अरकान में सरे फेहरिस्त डॉक्टर इसरार साहब, अब्दुल वाहिद कुरेशी साहब, मास्टर आशिक इलाही साहब, चौधरी अलकार साहब, डॉक्टर इफ़्तिख़ार साहब और बाबू लियाकत साहब वगैरा वगैरा।
नवीदे हक़ी
इस ताईदे गैबी की वजह से ऐसा लगता है की अल्लाह ने डॉक्टर इसरार अहमद और उनकी टीम की मेहनत को क़ुबूल कर लिया है जो के डॉक्टर साहब के शाना ब शाना खड़े हैं यह खुद मैं बहुत–बहुत बड़ी तरक्की है की किसी ईदारे की कोशिशों को अल्लाह ताला ने क़ुबूल कर लिया, और इतने बड़े बुज़ुर्ग की दुआएं और ताईद इसमें शामिल करवा दी हम इसे नवीदे हकी समझते हैं। और इस तंजीम की तरक्की की बुनियादी वजह ये है कि हमारी कौम और मिल्लत के रहनुमा व वारिसीने अम्बिया भी पेश पेश हैं, जैसे मुफ्ती ज़ुबैर क़ासमी साहब झिंझानवी, कारी मुहम्मद खालिद बशीर क़ासमी और मौलाना इलयास साहब तांडवी वगैरा–वगैरा।