بِسْمِ ٱللَّٰهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ

QURESH AN NIKAH MIN SUNNATI

आओ सुन्नतों को रस्मों पर तरजीह दें और निकाह को आसान बनाएं

रस्में दूसरी अकवाम की देन हैं

मुशाबिहत इस्लाम में हराम है

अंगूठी पहनाना और बदले में कैश का लेन देन जायज़ नहीं

❌हल्दी बुटना इस्लाम में जायज़ नहीं ❌

❌भात – झूट इस्लाम में जायज़ नहीं ❌

न्योते का लेन देन इस्लाम में जायज़ नहीं क्योंकि यह कर्ज़ है और कर्ज़ से प्यारे नबी ﷺ ने पनाह मांगी है।

सेहरा बांधना और सेहरे की रस्में करना जायज़ नहीं

लड़की वालों पर बहुत बड़ी बारात का बोझ डालना नाजायज है

खाने की बरबादी करना नाजायज है

चलती महफ़िल में से खाना ले जाना और दूसरे की इज्ज़त से खेलना नाजायज है।

कुरेश अन निकाह मिन सुन्नति के सीनियर एडमिन 

डॉक्टर इसरार साहब

 

 

⭕बिना लेन देन के रिश्ता पक्का करें
⭕ लड़की को शरई हक़ दिया जाए
⭕मुख्तसर अफ़राद निकाह करके लाएं।

⭕खानें को अदब के साथ खाएं
⭕अपनी हैसियत के हिसाब से वलीमा किया जाए
⭕किसी भी चीज़ का दिखावा ना किया जाए।

⭕अगर एक फर्द की दावत हो तो एक ही जाए चार चार न जाएं
⭕और बराए मेहरबानी इन फिजूल कामों पर खर्च ना करके यह पैसा बच्चों की आला तालीम पर खर्च किया जाए
⭕तब ही हमारी कुरेश बिरादरी की तरक्की मुमकिन है।

सुझावों के लिए संपर्क करें:

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Scroll to Top